new friends who knows nothing about this case can visit this link ===> https://motivationgrep.blogspot.com/2020/07/16-2020-12-lockdawn-6-total-14-6-6-6-8.html
all evidence are attached please read full article
सेवा मे ,जनता ,
समस्त भारत वर्ष
विषय - मेरे पिता की हत्या होने पर न्याय प्राप्ति हेतु।
sender 's address -
आवेदक - किरन राजपूत ( पुत्री मृतक तरुण सिंह राजपूत )
फरियादी - ललिता राजपूत ( पत्नी मृतक तरुण सिंह राजपूत )
संपर्क सूत्र - 9340955589
EMAIL Add . -
पुराना पता - H . NO . 31 एकता नगर करियर कॉलेज के पीछे गोविंदपुरा , भोपाल ( 462023 ) , मध्यप्रदेश ,भारत
विषय - मेरे गरीब मजदूर पिता तरुण सिंह राजपूत की निर्मम हत्या की जाने पर न्याय प्राप्ति हेतु ।
मैं किरन राजपूत मेरे पिता तरुण सिंह राजपूत एक मजदूर थे। सुबह 8 से शाम के 8 तक अपना काम करते थे ,मजदूरी कर 5 बच्चों का गुज़ारा और पढाई लिखाई हो पाना बोहोत मुश्किल था। इसलिए मेरी माँ के साथ हम 5 बच्चे घर के ही पास एक चिल्ड्रेन्स पार्क मे फूटफाट पर खिलौने बेचते थे जिससे हमारा पढाई लिखाई का खर्चा चलता था। हम मेहनत करते थे और खुश रहते थे।
(वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला नाम का एक आदमी है जो की आदतन अपराधी है और उसका पाकिस्तान तक सट्टा चलता है। उसने अपने सट्टे के अवैध ( काले ) धन से वहाँ के पुलिस वालों को खरीद रखा है, बिल्ला चौहान गोविंदपुरा थाना को हफ्ता देता है।
बिल्ला चौहान के संबंधी बड़े गुंडे हैं उन्होंने पहले भी कई गरीब मजदूरों को पीट पीट कर उनके घर से भगा दिया अब वे मजदूर बेघर हैं , वैसे उसकी दहशत इतनी है की कोई उसके और उसके गुंडों के अत्याचार के खिलाफ बोलता नहीं और अगर कोई बोलने की हिम्मत जुटा भी ले तो पुलिस सब हड्डी पसली तोड़ देगी बिल्ला से पैसे लेकर उल्टा प्रताड़ितों का ही रिमांड ले लिया जाता है। )
बिल्ला के गुंडों ने मेरे पिता की पीट पीट कर हत्या कर दी और मेरे पिता को बचाने जा रहे मेरे पुरे परिवार को घायल कर दिया हत्या करने के बाद आधी रात हमारे घर पर हमला कर हमें घर से भगा दिया , अब हम बेघर हैं ना सर पर पिता का हाथ है न सर पर छत है हम छुप कर कहीं रह रहे हैं , खाने पीने को मोहताज़ हैं , हत्यारों द्वारा घर से भगाये जाने के बाद हमारा खिलौने बेचने का काम भी बंद हो गया।
मेरा परिवार 6 महीने से न्याय के लिए भटक रहा है मै लगभग सभी बड़े पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार ( लिखित , मौखिक और सोशल मीडिया ) के द्वारा लगा चुकी हूँ , परन्तु कोई संतोष जनक कार्यवाही नहीं हुई।
मै बोहोत मजबूर हूँ और मुझे बस आखरी आस इस देश की जनता से है , मेरे पास निम्न सबूत हैं( नीचे संलग्न किये गए हैं ) मै अपने समस्त परिवार के साथ जनता से हाथ जोड़ कर न्याय की भीख मांगती हूँ। अब फैसला इस देश की जनता के हाथ मे है या हमें न्याय दिला कर जीवन दान दीजिये ,या हमें घुट घुट कर मरने दीजिये।
धन्यवाद !
आपके संज्ञान मे लाना है की ,एक गरीब मजदूर तरुण सिंह राजपूत की 14 लोगों ने मिलकर ( योजनाबद्ध रूप से ) हत्या कर दी। पुलिस ( अरविन्द कौरव , R. N. चौहान ) हत्यारों को बचाने के भरपूर प्रयास कर रहे हैं। क्युकी हत्यारे आदतन अपराधी , सटोरी ( पाकिस्तान तक सट्टा चलाने वाला ) वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला चौहान के गुंडे तथा सम्बन्धी हैं। पुलिस की बिल्ला से मिलीभगत के चलते पुलिस अपराधों को बढ़ने दे रही है। हत्यारों को बचाने के लिए रिपोर्ट तथा chargesheet को शुरुवात से ही इस तरीके से बनाया गया ( manipulate किया गया ) की वो हत्यारों को जिता सकें । पुलिस द्वारा हत्या के सबूतों को छुपाया जा रहा है।
घटना विवरण
8 / अप्रैल /2020
8 अप्रैल 2020 की बात है कि आदतन अपराधी भूरा ,राज , टोम्मा , करण ने मिलकर कृष्णा राजपूत उम्र 14 वर्ष को सर फाड़ अधमरा कर दिया।
( घटना 8 अप्रैल २०२० कारण ---मेरा भाई कृष्णा( उम्र 14 वर्ष ) जो आनन्द मार्ग स्कूल क्लास 8 मे पढता है अपने साथी ऋतिक के साथ घर के पास ग्राउंड मे बैठा मोबाइल मे टिक टोक देख रहा था। तभी राज व टोम्मा , ऋतिक की पुरानी लड़ाई को लेकर ऋतिक और कृष्णा को मारने लगे। करण ने थापाड़े मारे , भूरा ने किसी कठोर चीज़ से सर पर मारा ) जिसकी हमने 8 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराइ थी।
15 /अप्रैल /2020
हमने 8 अप्रैल 2020 को जो रिपोर्ट दर्ज कराइ थी उसे वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी लगातार देते रहे , हमनें 15 अप्रैल 2020 को जान से मारने की धमकी मिलने की सूचना पुलिस को दी और सारा मामला बताया और पुलिस से मदत मांगी ।
16 / अप्रैल / 2020
जिन लोगों ने 8 अप्रैल को कृष्णा को मारा था वह 16 अप्रैल को अपने साथ और भी लोग लेकर आये तरुण सिंह राजपूत की 14 लोगों द्वारा योजनाबद्ध रूप से ( लोहे का पाइप , बेसबॉल , बैट , हॉकी , रोड , डाँडो ) से पीट -पीट कर हत्या कर दी । जिसमे 6 मुख्य अपराधी ( दीपक , अमन , आकाश , भूरा , टोम्मा , राज ) जिन्होंने तरुण सिंह को मारा तथा 8 सहयोगी ( हिम्मत , विशाल , विक्की , करण , सऊआ , गुड्डी , जस्सो , ज्ञात नहीं ) शामिल है। हत्यारों के इन साहियोगियों ने तरुण सिंह राजपूत के पूरे परिवार को पीट पीट कर घायल कर दिया जो तरुण सिंह को बचाने जा रहे थे। 16 अप्रैल 2020 को हुए हमले के कारण अपनी आखरी सांसे गिन रहे तरुण सिंह का निधन 18 अप्रैल 2020 को हो गया।
समस्या
- हत्यारे आदतन अपराधी , रसूखदार सटोरी ( पाकिस्तान तक सट्टा चलाने वाला ) वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला चौहान के गुंडे और सम्बन्धी हैं। बिल्ला से पुलिस की मिलीभगत ( बिल्ला पुलिस को पैसे दे कर खरीद लेता है ) के चलते पुलिस वाले असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अरविन्द कौरव ने पीड़ित ललिता की 16 अप्रैल 2020 को दर्ज कराई रिपोर्ट गलत लिखी तथा सब इंस्पेक्टर R. N . चौहान ने गलत chargesheet बनाई ( chargesheet हत्यारों के पक्ष मे बनाई )
- सब इंस्पेक्टर RN चौहान के भाई हरिभान चौहान वकील हैं , हरिभान चौहान हत्यारों का केस लड़ रहे हैं। केस के इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर R. N . चौहान , हत्यारों के वकील हरिभान चौहान ( R. N. चौहान के भाई ) , तथा सटोरी ,आदतन अपराधी वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला और हत्यारों ने आपसी सलाह मशवरे से योजना बना कर शुरुवात से ही तथ्यों मे हेर फेर कर केस को हत्यारों के पक्ष मे कर दिया।
- यह मामला जब मीडिया मे आया कीR .N. चौहान ने हत्यारों को बचाने के लिए उनके पक्ष मे chargesheet बनाई है तो उन्हें इस केस से हटा दिया गया तथा हमारे केस मे नई इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर नियुक्त की गयी जिन्होंने जाँच कर 6 और अपराधी पाए जिन्हे R. N . चौहान गलत chargesheet बना कर बचा रहे थे। अपराधी तो बन गए पर अरविन्द कौरव ने गलत रिपोर्ट लिख कर तथा R. N . चौहान ने गलत chargesheet बना कर इस केस को इतना कमज़ोर कर दिया की हत्यारे बच निकलें।
- पिता की हत्या के बाद हत्यारों ने 1 जून रात 2 :30 बजे हमला कर हमें घर से भगा दिया।
हम 5 बच्चे माँ के साथ घर के ही पास एक फुटफाट पर खिलौने बेचते थे। हत्यारों द्वारा हमें हमारे घर से भगाये जाने के बाद हमारा खिलौने बेचने का काम भी बंद हो गया अब हमारे पास न घर है , न कोई कमाने वाला खाने पीने को मोहताज हैं।
काफी प्रयासों के बाद , बड़ी मुश्किलों से मध्य प्रदेश की मुख्या मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई थी सोशल मीडिया के माध्यम से , CM ने न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया था , परन्तु प्रशाशनिक अधिकारियो ने संतोष जनक कार्यवाही नहीं की।
कृपया संलग्न की गई फाइल देखें उन सबूतों के आधार पर निम्न समाधान का आग्रह करती हूँ।
समाधान ( हमारी मांगे ) -
1 . > हत्या के सभी सबूतों को कोर्ट मे पेश की जाने वाली chargesheet मे संलग्न किया जाये।
2 . > सभी हत्यारों से हथियार जब्त कर DR . से querry करा कर कोर्ट की chargesheet मे संलग्न किया जाए।
3 . > दोषी पुलिस वाले असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अरविन्द कौरव ( गलत रिपोर्ट लिखने वाले ) तथा सब इंस्पेक्टर R. N. चौहान ( गलत chargesheet बनाने वाले ) को बर्खास्त कर बर्खास्त पत्र की एक प्रति पीड़िता को प्रदान की जाये तथा एक प्रति कोर्ट के संज्ञान ( chargesheet ) मे दी जाये।
4 . > बिल्ला चौहान जो सट्टे के अवैध धन का प्रयोग कर अपराधों को बड़ा रहा है। उसका काला धन जब्त कर उसे गिरफ्तार किया जाए।
5 . > हमें आर्थिक , मानसिक और शारीरिक हानि हुई है। घर के मुखिया की हत्या कर हमें हमारे घर से भगा दिया गया , हम 5 बच्चे माँ के साथ घर के पास के ही एक चिल्ड्रेन्स पार्क मे फुटफाट पर खिलोने बेच कर अपनी आजीविका कमाते थे हत्यारों ने हमला कर हमे घर से भगा कर घर के साथ हमारी आजीविका भी छीन ली। हम निसहाय हैं हमारे पिता , घर और आजीविका सब कुछ ख़तम कर दिया गया। खाने पीने को मोहताज हैं कृपया आर्थिक सहायता तथा 1 नौकरी देने की कृपा करें जिससे परिवार का पालन पोषण हो सके।
Note - जब किसी कमज़ोर गरीब निसहाय पर अत्याचार होता है तो वो कानून की शरण मे जाता है इस आस से की उसे कानून के मंदिर मे न्याय मिलेगा , पर जब कानून के ठेकेदार अत्याचारियों को रक्षण देने लगे , पुलिस ही गुंडों की दलाल निकले तब क्या करें ?
गुंडों से ज्यादा पुलिस ने हमें प्रताड़ित किया है कियुँकि वो गुंडे हैं उनसे कुछ अच्छा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती थी पर पुलिस से तो हमें न्याय करने की उम्मीद थी अगर पुलिस ने सही समय पर हमारी मदत कर दी होती तो मेरे पिता आज जीवित होते हम 5 बच्चे अनाथ न होते। जब गुंडों ने मेरे भाई का सर फाड़ा मेरी माँ और पापा रिपोर्ट लिखाने गए मेरी" माँ को मादरचोद भाग यहाँ से" ऐसा कह भगाया गया , फिर हम 5 बच्चे पूरा परिवार ठाणे मे खड़े गिड़गिड़ा रहे थे मेरा भाई (उम्र 14 वर्ष ) खून से लथपथ था। हम रो रहे थे की रिपोर्ट लिख लो पर पुलिस वाले नहीं लिख रहे थे खड़े खड़े मेरे भाई का खून सूख गया पर रिपोर्ट नहीं लिखी और लिखते भी क्यू गुंडे उन्हें हफ्ता जो देते हैं , फिर उसने फोन पर किसी से बात की गुंडों के तरफ से कोई फोन था शायद।, फिर मे मोबाइल मे विडिओ बनाने लगी की रिपोर्ट क्यू नहीं लिख रहे तब वह पुलिस वाला वहा से हट गया ताकि विडिओ मे न आये और रिपोर्ट लिखने लगा फिर साधारण सी धाराओं मे केस दर्ज किया सर फटने पर भी धरा 307 नहीं लगाई।
फिर वह गुंडे हमें जान से मारने की धमकी लगातार देने लगे तब हमनें पुलिस को धमकी की सूचना दी और मदत मांगी हमें कोई मदत नहीं मिली
एक दिन पहले ही हमने पुलिस से मदत मांगी थी की हमें उन गुंडों से जान का खतरा है जिन्होंने मेरे भाई का सर फाड़ा था वो हमें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और दूसरे दिन उन गुंडों ( 14 लोग थे ) ने हमारे घर मे घुस घसीट कर ले घर के सामने चबूतरे तक पीट पीट कर मेरे पिता की हत्या कर दी( 16 अप्रैल को हमले मे गंभीर रूप से घायल होने के कारण अपनी आखरी सांसे गिनते रहे और 18 अप्रैल को उनका निधन हो गया ) और हम सबको जो पिता को बचाने जा रहे थे सबको बोहोत मारा मेरी माँ रिपोर्ट करने गयी तो बोले बल्बा लग जायेगा इतने नाम नहीं लिखेंगे , मेडिकल नहीं होता तब तक हथियार नहीं लिखेंगे मेरे पिता मरणास्मत थे फिर भी धारा 307 नहीं लगायी कियुँकि बिल्ला चौहान ने सारा थाना खरीद रखा है अपने काले धन से। पुलिस उससे हफ्ता ले कर उसे सट्टा खिलने देती है। उसके गुंडे / सम्बन्धी कुछ अपराध करते हैं तो उनके खिलाफ पहले तो पुलिस कोई FIR ही नहीं लिखती और अगर फरियादी के काफी प्रयासों के बाद FIR लिख भी ले तो कोई कार्यवाही नहीं करती। हमारी FIR अरविन्द कौरव ने गलत ( हत्यारों के पक्ष मे) लिखी है और RN चौहान ने chargesheeet हत्यारों गलत बनाई है कुल मिला कर थिंग्स को ऐसे manipulate किया गया है की हत्यारे बच निकलें।
सूचना
- कृपया संज्ञान मे लेकर न्याय संगत कार्य करने के आदेश दे अन्यथा मुझे मजबूरन परिवार समेत न्याय की भीख माँगने सड़क पर मुख्यमंत्री निवास के सामने बैठना पड़ेगा , तब हमें किसी भी प्रकार की जान , माल या मान की कोई हानि होती है तो उसका जिम्मेदार प्रशासन स्वयं होगा।
- वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला मेरे नाबालिग भाई कृष्णा राजपूत ( उम्र 14 वर्ष ) को झूठे आरोप लगा कर फ़साने का प्रयास करता है जिस कारण मेरे भाई को आजीविका का साधन आलू प्याज का ठेला लगाना भी बंद करना पड़ा वह शातिर प्रवत्ति का है भविष्य मे भी कोई साजिश कर मेरे नाबालिग भाई कृष्णा को फसा सकता है
- मुझे किरन राजपूत ( पुत्री मृतक तरुण सिंह राजपूत ) को आदतन अपराधी वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला , R. N. चौहान ( गलत chargesheet बनाने वाला )अरविन्द कौरव (गलत F. I. R. बनाने वाला ) , एडवोकेट हरिभान चौहान( हत्यारों का वकील जो R. N. चौहान का भाई है ) तथा मेरे पिता के 14 हत्यारों से जान , माल , मान का खतरा है। और मेरे समस्त परिवार और इस केस के गवाहों तथा गवाहों के परिवार को वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला तथा हत्यारों से जान , माल , मान का खतरा है।
हम गरीब हैं हत्यारों ने हमारे पिता , घर , आजीविका का साधन सब ख़तम कर दिया हम केवल न्याय प्राप्ति हेतु ही जिन्दा हैं गुंडों की दलाल पुलिस के कारण अगर हमें न्याय नहीं मिल पाता तो मैं इक्छामृत्यु मांगती हूँ। कृपया न्याय नहीं दे सकते तो इक्छामृत्यु दें। हमारा सब कुछ नष्ट हुआ है भ्रष्ट पुलिस के कारण मुझे इक्छामृत्यु भी नहीं मिलेगी तो मैं आत्महत्या कर लुंगी जिसका जिम्मेदार प्रशासन ,मेरे पिता के हत्यारे ( भूरा , टोम्मा , राज , आकाश , अमन , दीपक , हिम्मत , विशाल , विक्की , करण , सऊआ , गुड्डी , जस्सो , नाम ज्ञात नहीं ) तथा सटोरी वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला होगा।
आवेदक - किरन राजपूत ( पुत्री मृतक तरुण सिंह राजपूत )
फरियादी - ललिता राजपूत ( पत्नी मृतक तरुण सिंह राजपूत )
स्थान - भोपाल ,मध्यप्रदेश , भारत
सम्बंधित थाना - गोविंदपुरा भोपाल मध्यप्रदेश
FIR नंबर - 186
घटना दिनांक - 16 अप्रैल 2020
संपर्क सूत्र पीड़िता - किरन ( 9340955589 ) , ललिता ( 8435107287 )
हस्ताक्षर -
कृपया साथ भेजी गयी फाइल देखें जिसमे सारे सबूत संलग्न हैं -
पुलिस के काले कारनामे ---
16 अप्रैल २०२० को मेरे मजदूर पिता तरुण सिंह राजपूत की 14 लोगों ने हत्या कर दी हत्यारे आदतन अपराधी , रसूखदार सटोरी बिल्ला चौहान ( बिल्ला का पाकिस्तान तक सट्टा चलता है ) के गुंडे हैं। पुलिस की बिल्ला से मिलीभगत के चलते ( अस्सिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अरविन्द कौरव तथा सब इंस्पेक्टर R . N . चौहान ने गुंडों को सजा से बचाने के लिए गलत रिपोर्ट तथा गलत chargesheet बना दी यह मामला मीडिया मे आने के बाद की हत्यारों को बचाने के लिए R . N . चौहान ने chargesheet गलत बनाई , हमारे केस मे नई investigation ऑफिसर नियुक्त की गयी उन्होंने जाँच कर 6 और अपराधी पाए जिन्हें R . N . चौहान गलत chargesheet बना कर तथा अरविन्द कौरव गलत FIR बना कर बचा रहे थे। अपराधी तो बन गए पर R . N . चौहान और अरविन्द कौरव द्वारा पेहले ही हमारे केस को इतना कमज़ोर किया जा चूका है की हत्यारे बच निकलें
मैं दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ निम्न सबूत प्रस्तुत कर रहीं हूँ ---
1 ) पुलिस हत्या के सबूत को छुपा रही है , निम्न सबूत कोर्ट में पेश की जाने वाली चार्जशीट में संलग नहीं किए गए।
- गोविंदपुरा थाना TI (अशोक परिहार ) तथा डायल 100 को हमने 15 april 2020 को कॉल कर हमें जान से मारने की धमकी मिलने की सूचना दी थी।
- मेरे पिता स्व श्री तरुण सिंह राजपूत का थाना प्रबंदक के नाम लिखा एप्लीकेशन जिसमे हत्या की योजना की सूचना हैं।
इस एप्लीकेशन को भी कोर्ट की चार्ज शीट में संलग्न नहीं किया गया। यह मैने थाना प्रभारी को सौंप कर रिसीविंग भी ली थी ---
2 ) पुलिस द्वारा हत्यारो से सभी हथिरायो की जब्ती नहीं की गई।
- फरियादी और गवाहों के बयानों में द्वारा प्रयोग किये गए हथियारों का विवरण होने के बाद भी पुलिस ने मुख्य अपराधियों आकाश ,अमन ,राज ,टुम्मा, विक्की से कोई'हथियार जब्त नहीं किए।
8 हथियार -----3 जब्ती ----query केवल 1
8 हत्यारों के द्वारा हत्या मे प्रयोग किये 8 हथियारों का विवरण आधार ( बयान फ़रियादी , गवाह बयान , मेडिकल )
2. b ) 14 हत्यारो मे से 8 हतयारों आकाश , अमन , राज , टोम्मा , विक्की , दीपक , भूरा , विशाल के हाथ मे हथियार थे ( हत्या मे प्रयोग किये गए हथियार ) यह फरियादी और गवाहों के बयानों से स्पष्ट है फिर भी केवल 3 हत्यारों दीपक , भूरा , विशाल , से ही हथियार जब्त किये , 5 हत्यारों आकाश , अमन , राज , टोम्मा , विक्की से कोई हथियार जब्त नहीं किये गए।
जिन 3 से हथियार जब्त किये गए ( दीपक , विशाल , भूरा ) उनमें से भी केवल विशाल से जब्त की गयी रोड की क्वेरी कराइ गयी जिसमें डॉ से यह पूछा गया की उक्त चोटें इस हथियार से आना संभव है क्या ? दीपक और भूरा से जब्त किये हथियार की डॉ से क्वेरी क्यू नहीं कराई गयी ? और 5 हत्यारो से हत्या मे प्रयोग किये हथियार जब्त क्यू नहीं किये गए तथा उनकी क्वेरी क्यू नहीं कराइ गयी ?
जिन हथियारों को जब्त किया जाता है उनकी डॉ से क्वेरी कराई जाती है 8 मे से 3 हथियार जब्त किये गए उनमे से भी केवल 1 हथियार की क्वेरी कराइ गयी --
जिन 3 से हथियार जब्त किये गए ( दीपक , विशाल , भूरा ) उनमें से भी केवल विशाल से जब्त की गयी रोड की क्वेरी कराइ गयी जिसमें डॉ से यह पूछा गया की उक्त चोटें इस हथियार से आना संभव है क्या ?
दीपक और भूरा से जब्त किये हथियार की डॉ से क्वेरी क्यू नहीं कराई गयी ?
और 5 हत्यारो से हत्या मे प्रयोग किये हथियार जब्त क्यू नहीं किये गए तथा उनकी क्वेरी क्यू नहीं कराइ गयी ?
जिन हथियारों को जब्त किया जाता है उनकी डॉ से क्वेरी कराई जाती है 8 मे से 3 हथियार जब्त किये गए उनमे से भी केवल 1 हथियार की क्वेरी कराइ गयी --
8 ----> लोगो के हाथ में हथियार थे
3 -----> लोगो से हाथियार जब्त किये गए
1------> हथियार की क्वेरी कराई गयी
5 ------> हत्यारो से कोई हथियार जब्त नहीं किए गए।
3 . ) पुलिस की लापरवाही
8 april 2020 गुंडों द्वारा 14 वर्षीय कृष्णा का सर फाड़ उसे अधमरा कर दिया गया 12 :30 बजे हम रिपोर्ट कराने पहुँचे तो पुलिस राम संजीवन ने घायल कृष्णा की माँ ललिता को " मादरचोद की गली दे कर भगाया " 2 घंटे तक ठाणे के बहार खड़े रहे खून सूख गया काफी प्रयासों के बाद रिपोर्ट लिखी गयी तब भी धारा 307 नहीं लगायी गयी।
घायल नाबालिग के पीछे ठाणे का बैकग्राऊँड
2 घंटे बाद सूखे हुए खून की फोटो
3.B ) घटना के एक दिन पूर्व 15 अप्रैल २०२० को TI थाना तथा 100 डॉयल को हमनें जान से मारने की धमकी मिलने की सुचना दी थी। और धमकी देने वाले गुंडों पर उचित कार्यवाही करने का आग्रह किया था फिर भी गोविंदपुरा थाना TI तथा 100 डायल द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया।
3 . C ) असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अरविन्द कौरव द्वारा फरियादी ललिता की दिनांक 16 /अप्रैल /2020 को दर्ज कराइ गयी FIR गलत दर्ज की गयी (proofs => STATMENT ,MEDICAL REPORTS , MULTIPLE INJURIES , APPLICATION to TI and SP )
- 14 लोगों ने योजना बद्ध रूप से हत्या की फिर भी रिपोर्ट मे केवल 6 नाम ही लिखे गए
- 8 हत्यारों ने हथियारों का प्रयोग किया ( हत्या करने मे ) 8 हत्यारों के हाथ मे हथियार थे फिर भी रिपोर्ट मे केवल एक रोड दर्शायी गयी।
- फरियादी ललिता , नेहा, कृष्णा को लगी चोटों को FIR मे नहीं लिखा गया
- घायल तरुण सिंह की गंभीर हालत को देख कर भी धारा 307 नहीं लगाई गयी
- हमले में घायल फरियादी ललिता को लगभग 4 घंटे ठाणे में बैठाया गया काफी प्रयासों के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई वो भी गलत लगभग 12 :३० पर घटना हुई ,घटना के तुरंत बाद रिपोर्ट दर्ज कराने फरियादी ठाणे पहुंची पर रिपोर्ट समय 3 :55 पर लिखी गयी।
रिपोर्ट गलत दर्ज की गयी है यह साबित करने के हमारे पास निम्न सबूत हैं। -
- मेडिकल रिपोर्ट
- मृतक को 9 जगह गंभीर चोटे है।
- फरियादी ललिता राजपूत की मेडिकल जिसमे बैट की चोट है (विक्की ने मारा था )
- नेहा राजपूत की मेडिकल एवं चोट की फोटो
- कृष्णा राजपूत की मेडिकल
ASI अरविन्द कौरव द्वारा लिखी गयी गलत रिपोर्ट के आधार पर हमें सही न्याय कैसे की मिलेगा ?
गलत रिपोर्ट दर्ज की जाने की सुचना TI थाना गोविंदपुरा तथा sp साउथ को दी गयी थी उसके बाद अरविन्द कौरव पर क्या कार्रवाही की गयी उसकी लिखित प्रति फरियादी ललिता राजपूत को प्रदान की जाये एवं एक प्रति कोर्ट के संज्ञान मे ( chargesheet ) मे दी जाये।
3 . D ) R . N . चौहान ने हत्यारों को बचाने ( सज़ा से ) के लिए निम्न प्रकार से पूरा प्रयास किया है। -
1 . > गवाहों के बयान लेने मे टालमोली करते रहे हमने इसकी कम्प्लेन cm हेल्पलाइन पर भी की थी।
.काफी समय बाद बयान दर्ज किये वो भी गलत ! शब्दों को तोड़ मरोड़ कर हत्यारों के पक्ष मे लिखा गया।
R . N . चौहान द्वारा गवाहों के बयानों को तोड़ मरोड़ कर ( घुमा फिर कर ) हत्यारों के पक्ष मे लिखा गया
( RN चौहान द्वारा गलत दर्ज किये गए बयान जो गवाहों कहा नहीं वह भी अपने मन से ही लिख लिया )
2 . > न्यायलय मे पेश की जाने वाली (chargesheet ) मे झूठे तथ्य ( जो हत्यारों ) के पक्ष मैं हों लिखे गए
स्वतंत्र गवाह सुनीता अमलियार तथा मोहनी बाई को chargesheet मे उनके ( गवाहों ) के बयानों का प्रभाव कम करने के लिए हमारा रिश्तेदार बताया गया।
जबकि सुनीता अमलियार है हमारे समाज की भी नहीं तो हमारी रिश्तेदार कैसे हुई।
और मोहनी बाई केवल हमारी पडोसी है उनसे हमारा कोई सम्बन्ध नहीं है
3 . > हत्यारों के सम्बन्धियों तथा कर्मचारियों को बनाया पुलिस का स्वतन्त्र सक्छी
" इसके सिवा अन्य कोई भी नहीं था यही मेरा कथन है "यही लाइन सभी 5 गवाहों के बयानों मे लिखी गयी
नाबालिग कृष्णा का सर फटने पर भी chargesheet मे मेडिकल संलग्न नहीं किया गया , हत्यारे टोम्मा को कोई चोट न होने पर भी उसका मेडिकल chargesheet मे लगाया गया
5 . > यह एक योजना बद्ध हत्या है। घटना घटित होने के पूर्व ही मृतक के परिवार की और से पुलिस को फ़ोन पर सुचना दी जा चुकी थी। तब भी कोई उचित कार्यवाही नहीं की गयी। और घटना घटित होने के बाद भी R . N . चौहान द्वारा पहली chargesheet मे धरा 307 तक नहीं लगाई गयी।
6 . > फरियादी , गवाहों के बयान , मेडिकल रिपोर्ट्स , P . M . रिपोर्ट्स , injuries से यह स्पष्ट है कि 8 हत्यारों के हाथ मे हथियार थे।
फिर भी R . N . चौहान द्वारा हत्यारे , आकाश , अमन , राज , टोम्मा से कोई हथियार जब्त नहीं किये गए
7 . > R . N . चौहान ने किसी भी हथियार की डॉ से क्वेरी नहीं कराई है
8 . > R . N . चौहान chargesheet को हत्यारों के पक्ष मे बना कर कोर्ट मे पेश ही करने वाले ही थे इस तरह वो हत्यारों और उनके 8 सहयोगी को बचा ही लेते मैने सही समय पर chargesheet पेश होने के एक दिन पहले sp साउथ के आदेश से R . N . चौहान को 173 (8) मे विवेचन जारी रखना पड़ा।
Additional chargesheet मे वह तथ्य , आरोपी , सबूत , बयान भी सामने आये हैं जिन्हे R . N . चौहान अपनी इन्वेस्टीगेशन मे छुपा रहे थे। R . N . चौहान अपनी इन्वेस्टीगेशन में छुपा रही थे।
R . N . चौहान पर हत्यारो को बचाने के गैरकानूनी प्रयास किये जानें पर क्या कार्यवाही की गयी उसकी लिखित प्रीति प्रदान की जाये फरयादी को तथा कोर्ट की चार्ज शीट में (कोर्ट के संलग्न में ) भी दी जाये।
4 .) आदतन अपराधी वीर सिंह चौहान उर्फ़ बिल्ला का पाकिस्तान तक चलता है सट्टा। क्राइम ब्रांच ने की कार्यवाही , भोपाल पुलिस बिल्ला के सामने ZERO !
Reference from =>
TIMES OF INDIA
Daily pioneer (E paper )
Dainik Jagran
freepressjournal (E news )
- बिल्ला और पुलिस की मिलीभगत (काले कारोबार में सहयोग , हप्ता बसूली )गुंडा गर्दी को बढ़ावा देना।
- मेरे पिता की हत्या के बाद हमें भी जान का ख़तरा था अतः हमने बिल्ला और उसके गुंडों के खिलाफ आवेदन दिया आवेदन लेने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की
- जब हम पुलिस को आधी रात हुए हमले की सूचना देने पहुंचे तो हमे भगाने का प्रयास किया गया R . N . चौहान द्वारा 3 घंटे ठाणे में बैठने के बाद मैंने मानव अधिकार आयोग म. प्र. में sandeep garg sir को फ़ोन किया तब कही जा कर हमसे आवेदन लिया गया। हमले के बाद दिया आवेदन संलग्न।
आवेदन (17 /5 / 2020 )
कार्यवाही => 0
परिणाम => घटना (हमला )
आवेदन (1 JUNE )
कार्यवाही => 0
परिणाम => घर छोड़ना पड़ा
Add caption |
उस क्षेत्र में बिल्ला चौहान का आतंक है उसके खिलाफ लोग बोलने से भी डरते है। बिल्ला के गुंडों ने कई गरीब मजदूर परिवारों को बरबाद कर दिया है। मज़दूर परिवारों को पीट कर भगा दिया गया , बच्चो को अनाथ कर दिया।
बिल्ला आदतन अपराधी है जिसका विदेशों तक( पाकिस्तान ) सट्टा चलता है। अवैध धन का प्रयोग कर वह क्षेत्र मे गुंडागर्दी करवाता है । बिल्ला गोविंदपुरा थाना को हफ्ता देता है जिस कारण पुलिस भी अपराधों को बढ़ने दे रही है , बिल्ला के गुंडे गरीब मजदूरों पर अत्याचार करते हैं। कई गरीब परिवारों को मार पीट कर घर से भगा दिया , बच्चों को अनाथ कर दिया।
पुलिस बिल्ला के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करती मुश्किल से कर भी ले तो कोई कार्यवाही नहीं करती। शिकायत करो तो पुलिस उसे बता देती है फिर वह गरीब मजदूरों को और प्रताड़ित करता है , हम बिल्ला के आतंक से कहीं छुप के रह रहे हैं मेरे पिता की हत्या के बाद हमला कर हमें भी घर से भगा दिया मैं 11 जून 2020 घर छोड़ने के एक दिन पहले बिल्ला के खिलाफ शिकायत करने ठाणे गयी थी ( ठाणे के कैमेरे मे चेक किया जाये ) तब थाना TI ने मुझे भगा दिया।
समाधान
- हत्या के सभी सबूतों को कोर्ट की chargesheet मे पेश किया जाये (मेरे पापा का लिखा एप्लीकेशन , पुलिस को कॉल कर दी गयी सुचना )
- सभी हत्यारों से हथियार जब्त कर डॉ से query करा कर कोर्ट की chargesheet मे लगायी जाये
- दोषी पुलिस अधिकारी ( RN चौहान तथा अरविन्द कौरव को ससपेंड कर सस्पेंट लेटर कोर्ट की chargesheet मे लगाया जाये
- बिल्ला चौहान जो सट्टे के अवैध धन का प्रयोग कर गरीबों को प्रताड़ित कर रहा है उसका अवैध धन जब्त कर उसे गिरफ्तार किया जाये।
Verry good mam...mujhe pura Biswas hai aapko nyay jrur milegi....
ReplyDelete🥺🥺