thought power


अपने  मन  को  एक  बगिया  की  तरह  देखना । आप  एक  माली  हैं और आप  विचार  रुपी  बीजों  को पूरे  दिनभर अपनी  आदत  के  अनुसार  बो  रहे  हैं। जैसा आप  अपने मन  में  बोते (उगाते ) हैं। उसी  तरह  का फल आपको अपने  शरीर  और  वातावरण  में  मिलेगा।

           आपके  सभी  अनुभव ,  घटनाये ,  परिस्थितियां ,  और  क्रियायें   आपके  मन  की  प्रतिक्रियाओं   के स्वरूप  हैं। अब  आप  शांति ,  खुशी ,  सही  कार्य, अच्छा  संकल्प  और  समृद्धि  के  विचार  बोना  शुरू  करें।  अपने  मन  को  समरस ,  स्वस्थ ,  शांति  और  शुभचिंतक  की  तरह  व्यस्त  रखें , तब  आपके  जीवन  में चमत्कार   होने  लगेंगे। 

विचार  चुम्बकीय  हैं  और  हर  विचार  की  एक  फ्रीक्वेंसी  होती है।   जब  आपके  मन  में  विचार  आते  हैं  , तो  वे  ब्रह्मांड  में  पहुँचते  हैं  और चुंबक  की  तरह  उसी  फ्रीक्वेंसी  वाली  सारी  चीज़ो  को  आकर्षित  करते  हैं। 
हर  भेजी  गई  चीज़  स्तोत्र  तक  यानि आप  तक  लौटकर  आती  है। 
   ब्रह्मांड   सभी  लोगों  को  सभी  चीज़ें  देता  है।  आपके  पास  यह  चुनने  की  छमता  है  की  आप  किस  चीज़  को  साकार  देखना  चाहते  हैं। क्या  आप  चाहते  हैं  की  आपके  और  हर एक  के  लिए  पर्याप्त  चीज़े  रहें ? तो  उसे  चुन  लें  और  यह   जान  लें  , "हर  चीज़  प्रचुरता  में   है। "  " आपूर्ति असीमित है। "   "दुनिया बहुत भव्य है। "  हममें   से   हर   व्यक्ति   में   अपने   विचारों   और   भावनाओं   के   माध्यम   से   असीमित   व   आद्रश्य  आपूर्ति  का   दोहन   करने   तथा   पाने   की  सामर्थ्य  है।  चुनाव  आपको ही  करना  है, क्योंकि  सिर्फ़  आप  ही  ऐसा  कर  सकते हैं।   आप  जो   भी  चीज़  चाहते  हैं  वह  हर  चीज़  - ख़ुशी , प्रेम , प्रचुरता , समृद्धि  , आनंद -यहाँ  पर  है  और  आपकी  मुट्ठी  में  आने  के  लिए  तैयार  है।  आपके विचार आपके भावी जीवन का निर्माण कर रहे हैं।  जिसके  बारे   में  आप  ज्यादा   सोचते  हैं   या   जिस  पर  सबसे  ज़्यादा  ध्यान  केंद्रित   करते  हैं, वह  आपकी  ज़िंदगी  में  प्रकट  हो  जाएगा। 


आपके  विचार  वस्तुएँ  बन  जाते  हैं।  आप  तक़दीर  के  निर्मात  हैं  आप  लेखक  हैं  और  अपनी  कहानी  खुद  लिखते  हैं।  कलम  आपके  हाथ  में  है  और  परिणाम  वही  हैं  , जिसे  आप चुनते  हैं।  आप अपने  विचारो  द्वारा  अपने संसार  की  रचना  खुद  कर  रहे  हैं   । आप कल जो थे  उससे  ज़्यादा  बड़े  और  बेहतर  बनने  के  लिए  यहाँ  पर हैं। 
हर  चीज़  ऊर्जा   से  बनी   है।  वह  चाहे   आपका  हाथ    हो  , समुद्र   हो   या  सितारा   हो , आइए   मैं   यह  बात   समझने   में   आपकी   थोड़ी   मदत   कर   दूँ।  पहले   तो   ब्रह्मांड  है ,  फिर   आकाशगंगा  ,  फिर हमारा   गृह  , और   फिर   इंसान  हैं।  फिर  अणु  है  और   फिर  परमाणु  और  फिर ऊर्जा  है।  ब्रह्मांड   में   हर  चीज़   ऊर्जा   है  
आइये  में   बताती  हूँ  कि  आप  ब्रह्मांड  के  सबसे  शक्तिशाली  ट्रांसमिशन  टावर  कैसे  हैं।  आसान   भाषा   में   कहा  जाये  तो  सारी   उर्जा   किसी   न   किसी  फ्रीक्वेंसी   पर कम्पंन  (vibration )  कर  रही  है  ब्रह्माण्ड  की    हर  चीज़े   ऊर्जा  है । जब  आप अपनी  मनचाही  चीज़  के  बारे  में  सोचते  हैं  , तो  कुछ  होता  है। 
आप  उस  चीज़   की   ऊर्जा  को   उस   फ्रीक्वेंसी   पर  कम्पन्न  ( vibrate ) करने   का  कारण  देते  हैं  और  इस  तरह  आप  उसे  खुद  तक  ले  आते  हैं।  जब  आप  अपनी  मनचाही  चीज़  पर  ध्यान  केंद्रित  करते हैं  , तो आप   उस  चीज़   के   परमाणुओं   के   कम्पन्न   को  बदल  रहे  हैं   और उसे  अपनी  ओर  बुला  रहे  हैं।  आप  ब्रह्मांड के  सबसे  शक्तिशाली  ट्रांसमिशन  टॉवर  इसलिए हैं  , क्योंकि  आपको  अपने  विचारो  द्वारा  अपनी  ऊर्जा  पर  ध्यान   केंद्रित   करने   की शक्ति   मिली   है  ,जिस   वजह  से  आप  अपनी   मनचाही   चीज़   की   फ्रेक्वेंसी   पर    पॅहुचकर   उसके  कम्पन्नों  को  बदल  देते  हैं  , जिससे  वह  चुंबक  की तरह  आपकी  और  खिंची  चली  आती है। 





                        

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